केंद्रीय बजट 2025: मध्यम वर्ग को राहत और अर्थव्यवस्था को गति देने की कोशिश
नई दिल्ली, 1 फरवरी 2025 – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। इस बजट में सरकार ने अर्थव्यवस्था को तेज़ी से आगे बढ़ाने और घरेलू मांग को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। इस बजट का सबसे बड़ा आकर्षण मध्यम वर्ग को दी गई कर राहत है, जिसमें 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर मुक्त कर दिया गया है।
मुख्य आकर्षण: बजट 2025 की बड़ी घोषणाएँ
- करदाताओं को राहत:
- नई कर व्यवस्था में अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा।
- मानक कटौती (Standard Deduction) को बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है।
- वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे के अनुसार, इस बदलाव से लगभग 1 करोड़ करदाताओं को लाभ मिलेगा।
- पूंजीगत व्यय में वृद्धि:
- सरकार ने 2025-26 के लिए पूंजीगत व्यय ₹11.2 लाख करोड़ करने की घोषणा की है।
- राज्यों को दिए जाने वाले 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण को ₹1.5 लाख करोड़ पर बनाए रखा गया है।
- खपत और निवेश को बढ़ावा:
- ₹1 लाख करोड़ के कर कटौती पैकेज से घरेलू उपभोग और बचत में वृद्धि की उम्मीद है।
- अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है, लेकिन सरकार इसे तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत है।
- नई आयकर व्यवस्था और कस्टम ड्यूटी में बदलाव:
- वित्त मंत्री ने नए आयकर अधिनियम को संसद में प्रस्तुत करने की घोषणा की।
- कस्टम ड्यूटी की 15 दरों में से 7 दरों को समाप्त किया जाएगा, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
कर सुधार: मध्यम वर्ग को बड़ी राहत
- नई आयकर स्लैब:
- ₹4 लाख तक: कोई टैक्स नहीं
- ₹4-8 लाख: 5%
- ₹8-12 लाख: 10%
- ₹12-16 लाख: 15%
- ₹16-20 लाख: 20%
- ₹20-24 लाख: 25%
- ₹24 लाख से ऊपर: 30%
- रिबेट का विस्तार: नई व्यवस्था में ₹12 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को पूर्ण टैक्स छूट मिलेगी।
- TDS/TCS में छूट: सीनियर सिटिजन्स के ब्याज आय पर TDS सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख की गई है।
बजट का प्रभाव:
मध्यम वर्ग के लिए सौगात
इस बजट को मुख्य रूप से मध्यम वर्ग को राहत देने वाला बजट कहा जा रहा है। कर कटौती के कारण मध्यम वर्गीय परिवारों के पास अधिक डिस्पोजेबल आय होगी, जिससे वे अधिक खर्च कर सकेंगे और इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उद्योग और व्यापार को बढ़ावा
सरकार ने व्यापार जगत के लिए कई नए प्रोत्साहन देने की घोषणा की है।
- कस्टम ड्यूटी में कटौती से घरेलू विनिर्माण (Manufacturing) को बढ़ावा मिलेगा।
- निवेश आकर्षित करने के लिए नई नीतियाँ लाई जाएँगी।
राज्यों और बुनियादी ढाँचे में निवेश
बुनियादी ढांचे (Infrastructure) को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को बड़े निवेश पैकेज दे रही है, जिससे नए प्रोजेक्ट्स और नौकरियों के अवसर बनेंगे।
केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई नई योजनाओं की घोषणा की है, जो विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सुधार को लक्षित करती हैं। प्रमुख योजनाएँ निम्नलिखित हैं:
1. राष्ट्रीय दाल मिशन (National Pulses Mission): दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षीय कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसमें तुअर, उड़द, और मसूर जैसी दालों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी, जिससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
2. राष्ट्रीय कपास मिशन (National Cotton Mission): कपास, विशेषकर एक्स्ट्रा-लॉन्ग स्टेपल कपास के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनुसंधान और विकास पर जोर दिया गया है। इससे कपास की पैदावार में वृद्धि होगी और आयात की आवश्यकता कम होगी।
3. उच्च उपज वाली फसल कार्यक्रम (High-Yield Crop Program): 17 मिलियन किसानों को लक्षित करते हुए एक उच्च उपज वाली फसल कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादन में वृद्धि करना है।
4. गिग अर्थव्यवस्था श्रमिकों के लिए कल्याण योजना: गिग अर्थव्यवस्था के श्रमिकों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करने के लिए एक योजना शुरू की गई है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य सेवा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
5. राष्ट्रीय निर्माण मिशन (National Manufacturing Mission): निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय निर्माण मिशन की स्थापना की गई है, जिसका उद्देश्य निजी निवेश को प्रोत्साहित करना और रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
6. न्यूक्लियर एनर्जी मिशन (Nuclear Energy Mission): देश में 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखते हुए एक न्यूक्लियर एनर्जी मिशन की घोषणा की गई है।
क्या यह बजट सफल होगा?
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट संभावित रूप से विकास को बढ़ावा देगा, लेकिन इसके प्रभाव को पूर्ण रूप से समझने में कुछ समय लगेगा। यदि उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी होती है और निजी निवेश में तेजी आती है, तो यह अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा बदलाव ला सकता है।
निष्कर्ष
बजट 2025 एक संतुलित बजट है, जो मध्यम वर्ग, व्यापार, निवेश और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करता है। सरकार ने कर राहत देकर आम लोगों के हाथ में अधिक पैसा देने की कोशिश की है, जिससे अर्थव्यवस्था को नई गति मिल सके। अब यह देखना होगा कि आने वाले महीनों में यह बजट कितनी सफलता प्राप्त करता है।